रिया का जवाब- मेरी औकात ये है कि मैं सुशांत से प्यार करती हूं

सुशांत सिंह राजपूत केस में सीबीआई समेत तीन एजेंसियां जांच कर रही हैं. इस मामले में हर किसी के निशाने पर रिया चक्रवर्ती हैं. इस विवाद के बीच रिया ने आजतक से बात की और अपने ऊपर लगे सभी आरोपों पर जवाब दिया.

 उन्हें किस तरह की दवाइओं की जरूरत है. 3 जून को सुशांत की डॉक्टर से बातचीत भी हुई. डॉक्टर को लगा कि हां उन्हें मेडिकेशन की जरूरत है. हां वो डिप्रेशन से जूझ रहा है. लेकिन सुशांत मेरे साथ बहुत अजीब बर्ताव कर रहा था. और बार बार मुझे कह रहे थे कि तुम.... घर जाओ. और ये घर जाओ, घर जाओ कहीं.... दूसरी जून.... बल्कि पहली जून से ही शुरू हो गया था. कि मुझे तो कूर्ग शिफ्ट करना ही है. तुम घऱ जाओ.

क्योंकि मुझे भी एंग्जायटी अटैक हो रहे थे. मई और जून के महीने में. और मेरी हालत भी देखकर सुशांत को अच्छा नहीं लग रहा था. वो कह रहा था कि जाओ, घर जाओ. ठीक और फिर मेरी मदद करो वापस आकर. तुम ही ठीक नहीं रहोगी तो मेरी हेल्प कैसे करोगी? तो 8 जून को मेरी एक थैरिपी सेशन बुक थी डॉक्टर सुजेन वॉकर के साथ. सुबह 11.30 बजे की. तो इससे ये साबित होता है कि मेरा कोई इरादा नहीं था 8 जून को जाने का.

मैं अपने घर पर थैरिपी सेशन नहीं कर सकती थी. मैं नहीं चाहती कि मेरे माता-पिता मुझे उस हालत में देखें. मुझे एक बहादुर चेहरा उनके लिए रखना पड़ता है. क्योंकि कोई भी माता-पिता अपने बच्चे को ऐसा नहीं देखना चाहेंगे. तो इसलिए, 8 जून को जब मेरी थैरिपी सेशन थी तो मैंने सुशांत को बोला कि मेरा थैरिपी सेशान है. तो उन्होंने मुझे कहा कि नहीं. आप थैरिपी सेशन यहां मत करो. आप घर जाओ. तो मैंने कहा कि मुझे थैरिपी सेशन करके जाने दो. उन्होंने बोला कि नहीं. आप थैरिपी सेशन के पहले जाओगे. क्योंकि मेरी बहन आ रही है. मैंने उनको फोन किया है.

पिछले पूरे जून के महीने में वो अपनी बहनों से, अपने पिताजी से, लगातार फोन पर बात करते रहे कि, हां मैं कूर्ग शिफ्ट होने का प्लान कर रहा हूं. तो क्या आपमें से कोई मेरे साथ आएंगे? मुझे हेल्प करेंगे? और कोई जवाब नहीं आ रहा था कि वो आएंगे या नहीं आएंगे. फाइनली 8 तारीख को जब उन्होंने मुझे बोला कि तुम घर जाओ ही जाओ. तो मैंने बोला कि मैं जाती हूं पर एक ही कंडीशन है मेरी. कि आपकी बहन जो बॉम्बे में रहती हैं, गोरेगांव में रहती हैं, मीतू जी, वो आएं. वो यहां होंगी तो मैं जाऊंगी.

बल्कि मैंने उन्हें बोला था कि अभी 12 बजे हैं, कितने बजे आएंगी मीतू जी? तभी मैं जाऊंगी. जब वो बिल्डिंग के नीचे होंगी. उन्होंने कहा कि नहीं. वो एक दो घंटे में आने वाली हैं. आपको उनके आने से पहले जाना होगा. और हां, मेरे और उनके परिवार के रिश्ते कुछ खास नहीं थे. शुरुआत से ही काफी तकलीफें थीं. उनके परिवार को अब तो जायज ही है, बिलकुल ही साफ हो गया है कि बिलकुल भी पसंद नहीं हूं. मेरे ऐसे स्ट्रॉन्ग इमोशन्स ना हैं, ना थे उनके लिए. और जब कोई इंसान, मेंटल हेल्थ, डिप्रेशन, या किसी भी हेल्थ प्रॉब्लम से गुजर रहा होता है. तो फैमिली का वहां होना बहुत जरूरी होता है. इस बात को मैं समझती हूं, जानती हूं, मानती हूं. इसीलिए मैं चाहती थीं कि उनकी बहन आएं, और तो ही मैं जाऊं. तो जिस दिन मैं निकली, मैं चाहती थी कि मीतू, सुशांत की बहन वहां पर हों. और वो थीं.

Post a Comment

0 Comments